बस्ती। थाना दुबौलिया क्षेत्र के ग्राम नानकार में विवाद और उत्पीड़न के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। गांव के तुलसीराम और रामानन्द परिवार ने डीजीपी उत्तर प्रदेश और जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि उन्हें न्याय दिलाया जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
मारपीट का मामला
ग्राम नानकार निवासी तुलसीराम ने आरोप लगाया कि 2 मार्च 2023 को गांव के ही रामदयाल, विजय, गोलू और हृदयराम ने पुरानी रंजिश को लेकर उनके दरवाजे पर हमला कर दिया। आरोप है कि गाली-गलौज के बाद विजय ने लाठी से सिर पर प्रहार किया, जिससे गंभीर चोटें आईं और कमर टूट गई। बचाने आई पत्नी को पेट में लात मारी गई, जबकि बेटी और छोटे बेटे को भी पीटा गया। तुलसीराम का कहना है कि प्राणघातक चोटें आने के बावजूद मुकदमे में IPC की धारा 308 शामिल नहीं की गई। इसके चलते आरोपी लगातार धमकियां दे रहे हैं।
जमीन कब्जे का विवाद
इसी गांव के रामानन्द (पुत्र श्रीराम) ने ग्राम प्रधान मन्नू, सचिव और पड़ोसियों शरद लारे, रामवहार आदि पर आरोप लगाया है कि ग्राम सभा की जमीन पर अवैध कब्जा कराया जा रहा है। पीड़ित ने बताया कि प्रधान और सहयोगियों ने उनके परिवार से मारपीट कर जमीन खाली कराई और उनके छप्पर वाले मकान को कागजों में पक्का मकान दिखाकर सरकारी योजनाओं से वंचित करने की साजिश रची।
रामानन्द का कहना है कि उन्हें अब तक प्रधानमंत्री आवास योजना या कोई अन्य सरकारी लाभ नहीं मिला। शिकायत करने पर उन्हें धमकाया जाता है और दोबारा मारपीट की चेतावनी दी जाती है। आरोप है कि फर्जी कागजात बनाकर सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग भी किया जा रहा है।
जनसुनवाई पोर्टल पर भी दर्ज शिकायत
पीड़ित परिवार ने 27 सितम्बर 2025 तक कई बार थाने और उच्चाधिकारियों को लिखित शिकायत दी। इतना ही नहीं, जनसुनवाई – समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली, उत्तर प्रदेश पर भी शिकायत दर्ज की गई है। संदर्भ संख्या 40018825033410 के तहत दर्ज मामले में आरोप लगाया गया है कि ग्राम प्रधान और दबंगों ने ग्राम सभा की जमीन पर कब्जा किया है। यह शिकायत राजस्व एवं आपदा विभाग की श्रेणी में दर्ज है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
पीड़ित की गुहार
पीड़ितों ने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन निष्क्रिय बने हुए हैं। तुलसीराम और रामानन्द ने कहा कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो प्रधान और दबंग किसी बड़े हादसे को अंजाम दे सकते हैं।
गांव के लोग भी मानते हैं कि यह विवाद लंबे समय से चला आ रहा है और प्रशासन की लापरवाही के कारण लगातार बढ़ता जा रहा है। अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन पीड़ित की गुहार पर कब तक संज्ञान लेता है और न्याय दिलाने के लिए क्या ठोस कदम उठाता है।