पंचकूला, 7 अक्तूबर:
“दिन की पहचान, एक नेक काम” मुहिम के तहत पंचकूला पुलिस ने फिर पेश की संवेदनशीलता और मानवता की मिसाल। पुलिस कमिश्नर शिवास कविराज के मार्गदर्शन और डीसीपी क्राइम मनप्रीत सिंह सूदन के नेतृत्व में ट्रैफिक पुलिस के कर्मियों ने सराहनीय कार्य करते हुए एक 15 वर्षीय किशोर को उसके परिजनों से मिलवाया, जो मां-बाप से नाराज होकर घर छोड़ने की जिद पर अड़ा था।
जानकारी के अनुसार, 6 अक्टूबर की शाम करीब 7 बजे, ट्रैफिक ड्यूटी पर तैनात मुख्य सिपाही बलजीत सिंह और होम गार्ड संजीव को एक किशोर सड़क किनारे रोते हुए मिला। जब उन्होंने बच्चे से कारण पूछा तो उसने बताया कि वह अपने माता-पिता से किसी बात को लेकर नाराज है और घर छोड़कर जा रहा है।
पुलिस कर्मियों ने तुरंत उसे प्यार से समझाया और शांत किया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने बच्चे के माता-पिता से संपर्क कर उन्हें मौके पर बुलाया। तब तक दोनों पुलिसकर्मी बच्चे के साथ बने रहे और उसे समझाया कि घर छोड़ने से समस्याओं का हल नहीं निकलता — संवाद और आपसी समझदारी से ही हर कठिनाई सुलझाई जा सकती है।
कुछ देर बाद जब माता-पिता मौके पर पहुंचे, तो पुलिस कर्मियों ने दोनों पक्षों को समझाया कि घर के छोटे-मोटे मतभेद हर परिवार में होते हैं, जिन्हें बातचीत से ही दूर किया जा सकता है। अंततः बच्चे को सुरक्षित रूप से परिजनों के हवाले कर दिया गया।
इस घटना ने एक बार फिर साबित किया कि पंचकूला पुलिस केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने तक सीमित नहीं, बल्कि समाज में मानवीय संवेदनाओं और करुणा का संदेश देने में भी अग्रणी है।
ई खबर मीडिया के लिए हरियाणा स्टेट हेड देव दर्शन शर्मा की रिपोर्ट