नई दिल्ली | विशेष रिपोर्ट
राजधानी दिल्ली में अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हैं, इसका ताजा मामला संसद के शहर में सामने आया है। आउटर डिस्ट्रिक्ट के नांगलोई इलाके में चलती बस में एक यात्री से 2 लाख रुपये की चोरी कर ली गई, लेकिन शिकायत और सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध होने के बावजूद अब तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। पीड़ित लगातार पुलिस अधिकारियों से गुहार लगा रहा है, लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही।
पीड़ित सुभाष चन्द्र, निवासी—अण्डावली कोकावली, थाना बलरई, जिला इटावा (उत्तर प्रदेश), ने पुलिस कमिश्नर नई दिल्ली को आवेदन देकर न्याय की मांग की है।
भजनपुरा से नांगलोई जा रहे थे यात्री, बस में महिला ने बैग खोलकर निकाल लिए 2 लाख
घटना 07 नवंबर 2025 को दोपहर 12 से 1 बजे के बीच की है। पीड़ित बस DL1P04821, रूट नंबर 254 से भजनपुरा से नांगलोई जा रहे थे। उनके अनुसार, उनकी बहन मीना देवी पत्नी नेपाल सिंह को प्लॉट बेच कर उन्हें 2 लाख रुपये सौंपे थे जिन्हें वे अपने पास लेकर यात्रा कर रहे थे।
इसी दौरान बस में बैठी एक अज्ञात महिला ने बेहद चालाकी से उनका बैग खोलकर रकम निकाल ली और आराम से बस से उतरकर फरार हो गई।
सीसीटीवी फुटेज में महिला साफ दिख रही—फिर भी गिरफ्तारी नहीं
पीड़ित का कहना है कि घटना की सीसीटीवी फुटेज बस कंडक्टर और उन्होंने स्वयं पुलिस को उपलब्ध कराई, लेकिन पुलिस द्वारा अब तक किसी भी कार्रवाई की शुरुआत नहीं की गई। एफआईआर नंबर 80106199, दिनांक 08.11.2025 दर्ज होने के बाद भी आरोपी महिला पुलिस की पकड़ से बाहर है।
सुभाष चन्द्र का कहना है— “मैं कई जगह प्रार्थना पत्र दे चुका हूँ, थाना नांगलोई से लेकर आउटर डिस्ट्रिक्ट तक हर जगह गुहार लगाया, लेकिन किसी ने हमारी सुनवाई नहीं की। फुटेज में महिला स्पष्ट दिख रही है, फिर भी गिरफ्तारी नहीं हो रही। पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं कर रही—यह समझ से परे है।” नवीन SI ने भी नंबर ब्लॉक करके रखा है
शिकायतकर्ता सुभाष चंद्र का कहना है कि अगर कोई कार्यवाही नहीं होती है और मुझे पैसे वापस नहीं मिलती है तो मैं आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाऊंगा
पुलिस की चुप्पी पर सवाल—आम जनता कैसे सुरक्षित?
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर सीसीटीवी फुटेज के बाद भी पुलिस कार्रवाई न करे, तो यह सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल है। दिल्ली में बसों में चोरी की वारदातें लगातार बढ़ रही हैं।
पीड़ित ने कहा कि— “यदि आरोपी जल्द गिरफ्तार नहीं हुए, तो मैं उच्च न्यायालय और मानवाधिकार आयोग का दरवाज़ा खटखटाऊंगा।”


