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एमपी के खंडवा में गिले कचरे से बनेगी गैस, जानें इसके उपयोग और फायदे

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खंडवा में कचरे से बनेगी गैस..  इस गैस का नाम होगा कंप्रेस्ड बायोगैस, साडे 22 करोड़ से ज्यादा की संयंत्र लगेंगे. यह कंप्रेस्ड बायोगैस एक प्रकार का ईंधन हैं. अति ज्वलतनशील पदार्थ है. जिसका  जनता को फायदा मिलेगा. यह कितने कचरे से गैस बनेगी. इसका उपयोग कहा कहां होगा आइए जानते है.

दरअसल, शहर से निकलने वाला गीले कचरे का निपटारा वैज्ञानिक तरीके से किया जाएगा. इसके लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत ट्रेंचिंग ग्राउंड पर 22 करोड़ रुपए से 75 टीपीडी (टन पर डे) क्षमता वाला संयंत्र लगाया जाएगा. इससे गीले कचरे से कंप्रेस्ड बायो गैस बनेगी. इसके साथ ही जैविक खाद भी तैयार होगी. जिससे पर्यावरण संरक्षण भी हो सकेगा.

गीले कचरे से बनेगी कंप्रेस्ड बायो गैस
कंप्रेस्ड बायो गैस से बने ईधन का उपयोग फैक्ट्रियों के साथ ही अन्य कई कामों के लिए किया जा सकेगा. खंडवा क्लस्टर में नगर परिषद छनेरा भी शामिल रहेगा. निगम इस प्रोजेक्ट की डीपीआर शासन को भेज चुका है. राज्य स्तरीय तकनीकी के सामने बुधवार को निगम के कार्यपालन यंत्री और कंसलटेंसी के अधिकारी भोपाल में डीपीआर पर अपना प्रजेंटेशन देंगे. यहां से स्वीकृति मिलने के बाद टेंडर लगाने की प्रक्रिया की जाएगी. सीबीजी प्लांट लगने से शहर से निकलने वाले कचरे से निजात मिल जाएगी.

35 से 37 टन कचरा पहुंच रहा ट्रेचिंग ग्राउंड
गैस प्लांट से बचे कचरा का निराकरण के लिए भी निगम योजना तैयार कर रहा है. यह प्लांट पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है. अभी शहर में रोजाना 35 से 37 टन कचरा ट्रेचिंग ग्राउंड पहुंच रहा है. इसमें गीला कचरा 3.50 टन, सूखा कचरा 14 टन और शेष मिक्स कचरा आ रहा है. हालांकि रोजाना कचरे का निपटान नहीं हो रहा है. लेकिन, प्लांट बनने के बाद निगम को स्थायी रूप से शहर से निकलने वाले कचरे से निजात मिल जाएगी.

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