नई दिल्ली, 22 मार्च 2025: कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सरकार से पूर्वानुमान आधारित ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म द्वारा भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। श्री पीयूष गोयल (वाणिज्य और उद्योग मंत्री) और श्री अश्विनी वैष्णव (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री) को लिखित रूप में संबोधित करते हुए, कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने ऐसे प्लेटफार्मों द्वारा अनैतिक विज्ञापन प्रथाओं के प्रचलन की ओर ध्यान आकर्षित किया है जो भारतीय कानूनों को कमजोर करते हैं और उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाते हैं।
ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से उपयोगकर्ता खेल और चुनाव जैसी भविष्य की घटनाओं पर दांव लगा सकते हैं, जो डिजिटल जुआ बाज़ार के रूप में काम कर रहे हैं। 5 करोड़ से अधिक भारतीय उपयोगकर्ताओं और 50,000 करोड़ रुपये के वार्षिक लेन-देन के साथ ये प्लेटफॉर्म काफी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं जिसमें भ्रामक विज्ञापनों का बहुत बड़ा हाथ है, जो ओपिनियन ट्रेडिंग को कौशल-आधारित खेल के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत करते हैं, जिसे अक्सर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स द्वारा एक विश्वसनीय आय स्रोत के रूप में प्रचारित किया जा रहा है।
कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने भारत सरकार से ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है, जिसे वह ऑनलाइन जुए का एक रूप मानता है जो सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम सहित कई भारतीय कानूनों का उल्लंघन करता है। कैट के पत्र में इन प्लेटफ़ॉर्म की भ्रामक विज्ञापन प्रथाओं पर प्रकाश डाला गया है, जो उपभोक्ताओं को यह विश्वास दिलाते हैं कि वे उच्च जोखिम वाली सट्टेबाजी के बजाय कौशल-आधारित गतिविधियों में शामिल हैं।
सिंगापुर और फ्रांस जैसे देशों ने उपभोक्ता कल्याण और लोकतांत्रिक अखंडता को संभावित नुकसान के कारण ऐसे प्लेटफॉर्म के खिलाफ पहले ही सख्त कदम उठाए हैं। कैट ने सिफारिश की है कि भारतीय प्राधिकरण उल्लंघनों की जांच करें, भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाएं, इन्फ्लुएंसर्स को नियंत्रित करें और ऐसे प्रचारों को रोकने के लिए सलाह जारी करें।
इसके अलावा, कैट ने उपभोक्ताओं की सुरक्षा और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए ओपिनियन ट्रेडिंग और इसके प्रमोटरों के खिलाफ नियम लागू करने के लिए विभिन्न मंत्रालयों के बीच समन्वित प्रयास की वकालत की है।