यह चौथी बार है जब योगी सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान गन्ने के दाम बढ़ाए हैं। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक किसानों को ₹2,90,225 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुधवार को 2025-26 पेराई सत्र के लिए गन्ने के राज्य सलाहकार मूल्य (एसएपी) में ₹30 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की घोषणा की है। सरकार ने इसे एक बड़ा किसान हितैषी निर्णय बताते हुए कहा कि इससे प्रदेश के लाखों गन्ना किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। पीटीआई की खबरों के मुताबिक, नई दरों के अनुसार, अर्ली (प्रारंभिक) प्रजाति के गन्ने का मूल्य ₹400 प्रति क्विंटल और सामान्य प्रजाति का मूल्य ₹390 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।चौथी बार गन्ने के दाम बढ़ाए
खबर के मुताबिक, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस बढ़ोतरी से किसानों को लगभग ₹3,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह चौथी बार है जब योगी सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान गन्ने के दाम बढ़ाए हैं। चौधरी ने कहा कि सरकार किसानों की मेहनत का सम्मान करना अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता मानती है। गन्ना उत्पादक न केवल अन्नदाता हैं बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था की मजबूत नींव भी हैं। किसानों को समय पर और उचित मूल्य का भुगतान सुनिश्चित करना हमारी प्रतिबद्धता है।
किसानों को ₹2,90,225 करोड़ का हो चुका भुगतान
मंत्री ने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक किसानों को ₹2,90,225 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है, जबकि 2007 से 2017 के बीच सपा और बसपा सरकारों के दौरान कुल ₹1,47,346 करोड़ रुपये का ही भुगतान हुआ था। उन्होंने कहा कि इस प्रकार मौजूदा सरकार ने मात्र साढ़े आठ वर्षों में ₹1,42,879 करोड़ रुपये अधिक भुगतान किया है।
UP चीनी उत्पादन में दूसरा सबसे बड़ा राज्य
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 122 चीनी मिलें चालू हैं, जिससे यह देश में चीनी उत्पादन में दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। मंत्री ने बताया कि पिछली सरकारों के समय 21 मिलें सस्ते में बेच दी गई थीं, जबकि योगी सरकार के पारदर्शी प्रबंधन और निवेशक-हितैषी नीतियों से इस क्षेत्र में ₹12,000 करोड़ रुपये से अधिक का नया निवेश आकर्षित हुआ है। पिछले आठ वर्षों में चार नई मिलें स्थापित, छह बंद मिलें फिर से शुरू, और 42 मिलों की क्रशिंग क्षमता में विस्तार किया गया है, जो आठ बड़ी नई मिलों के बराबर है। दो चीनी मिलों में कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) प्लांट भी लगाए गए हैं, जिससे गन्ना क्षेत्र में वैकल्पिक ऊर्जा को बढ़ावा मिला है।


