मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर शुक्रवार को सोने और चांदी की कीमतों में तेज उछाल दर्ज किया गया। 19 सितंबर 2025 को एमसीएक्स भाव में यह बढ़त स्थानीय हाजिर मांग में मजबूती और अमेरिकी डॉलर की कमजोरी के चलते देखने को मिली। सुबह 10:31 बजे तक अक्टूबर डिलीवरी के लिए प्रति 10 ग्राम सोने की कीमत 0.50 प्रतिशत उछलकर 1,09,600 रुपये हो गई। इसी तरह, अक्टूबर डिलीवरी के लिए चांदी की कीमत में 1.33 प्रतिशत की जोरदार तेजी आई और यह 1,28,818 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई।
ब्याज दरों में और कटौती की उम्मीद
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में और कटौती की उम्मीद के बीच कमजोर अमेरिकी डॉलर से सोने की कीमतों को समर्थन मिल रहा है। खबर के मुताबिक, सीएमई ग्रुप के फेडवॉच टूल से पता चला है कि व्यापारियों को अक्टूबर में फेड द्वारा 25 आधार अंकों की कटौती की 92 प्रतिशत संभावना लग रही है। अगर ऐसा होता है तो सोने की कीमत पर भी इसका असर देखने को मिलेगा।
महानगरों में 19 सितंबर को हाजिर भाव (goodreturns के मुताबिक)
दिल्ली
24 कैरेट सोना: ₹11,148 प्रति ग्राम
22 कैरेट सोना: ₹10,220 प्रति ग्राम
18 कैरेट सोना : ₹8,365 प्रति ग्राम
मुंबई
24 कैरेट सोना: ₹11,133 प्रति ग्राम
22 कैरेट सोना: ₹10,205 प्रति ग्राम
18 कैरेट सोना: ₹8,350 प्रति ग्राम
कोलकाता
24 कैरेट सोना: ₹11,133 प्रति ग्राम
22 कैरेट सोना: ₹10,205 प्रति ग्राम
18 कैरेट सोना: ₹8,350 प्रति ग्राम
चेन्नई
24 कैरेट सोना: ₹11,160 प्रति ग्राम
22 कैरेट सोना: ₹10,230 प्रति ग्राम
18 कैरेट सोना: ₹8,470 प्रति ग्राम
सोने की कीमत हर रोज कैसे होती है तय
बजाज फिन्सर्व के मुताबिक, सोने की हर रोज की कीमत लंदन गोल्ड फिक्सिंग प्रक्रिया के जरिये तय की जाती है। इसमें लंदन के प्रमुख स्वर्ण विक्रेता प्रतिदिन दो निश्चित समय पर सोने की कीमत तय करते हैं। यह कीमत उस संतुलन बिंदु को दर्शाती है, जिस पर सोना खरीदा या बेचा जा सकता है। इसके अलावा, सोने की कीमतें वैश्विक बाजारों से गहराई से प्रभावित होती हैं, जिसमें COMEX और लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन जैसे प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंजों पर ट्रेडिंग वॉल्यूम शामिल होता है। सोने की कीमत तय करने में आपूर्ति और मांग का रोज़ाना उतार-चढ़ाव, भू-राजनीतिक घटनाएं, आर्थिक आंकड़े, और डॉलर की चाल भी अहम भूमिका निभाते हैं। यही वजह है कि सोने की कीमत हर रोज बदलती है।
भारत में सोने की कीमतें कैसे तय होती हैं?
भारत में सोने की कीमतों पर मुख्य रूप से वैश्विक सोने के भाव का असर होता है। ये अंतरराष्ट्रीय कीमतें आयात शुल्क, कर, और स्थानीय मांग-पूर्ति की स्थिति के आधार पर एडजस्ट की जाती हैं। हर रोज, भारतीय बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन यानी IBJA सोने की दरें तय करता है, जिन्हें देश भर के जौहरियों और व्यापारियों द्वारा मान्यता प्राप्त और व्यापक रूप से अपनाया जाता है। साथ ही अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की विनिमय दर में उतार-चढ़ाव भी स्थानीय सोने की कीमतों पर असर डालता है। भारत में सोने की कीमतें घरेलू बाजार की आपूर्ति और मांग के संतुलन पर भी निर्भर करती हैं, जो समय-समय पर कीमतों में बदलाव का कारण बनती है।