महोबा | विशेष रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के बरायन थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम ऐन्चना से एक गंभीर और चिंताजनक मामला सामने आया है, जहां सरकारी आवास योजना के तहत घर बना रहे एक विकलांग व्यक्ति और उसकी पत्नी को पड़ोसी द्वारा प्रताड़ित किए जाने का आरोप है। पीड़ित परिवार का कहना है कि उनकी पुश्तैनी जमीन पर अवैध रूप से दीवार खड़ी कर दी गई और विरोध करने पर मारपीट की गई, जबकि पुलिस से शिकायत करने पर उल्टा उन्हें ही डांट-फटकार कर भगा दिया गया।
पीड़िता चिन्जी ने बताया कि उनके पति रामा शारीरिक रूप से विकलांग हैं। परिवार का नाम प्रधानमंत्री/राज्य आवास योजना में स्वीकृत हुआ था, जिसके बाद वे अपने पुश्तैनी घर की जमीन पर निर्माण कार्य शुरू कर रहे थे। यह वही जमीन है, जहां उनका परिवार पिछले 25 से 30 वर्षों से निवास करता आ रहा है।
शिकायत के अनुसार, पड़ोसी राकेश शर्मा, पिता तुलसीदास, ने पहले ही अपने घर की दीवार पीड़ितों की जमीन में एक से दो फुट अंदर तक बना ली थी। जब काशी कुमार और उनकी पत्नी ने घर का निर्माण शुरू किया और दीवार को सीधा करने की बात कही, तो आरोपी ने साफ इनकार कर दिया। पीड़ितों का कहना है कि विपक्षी ने कहा कि “अब दीवार डाल दी गई है, अब कुछ नहीं हो सकता, हम दीवार सीधी नहीं करेंगे।”
पीड़िता का आरोप है कि जब इस अवैध निर्माण का विरोध किया गया तो आरोपी राकेश शर्मा ने झगड़ा किया और मारपीट पर उतर आया। इससे पीड़ित परिवार भय और तनाव में आ गया, खासकर तब जब घर का मुखिया विकलांग हो और परिवार पूरी तरह उसी सरकारी योजना के सहारे अपने सिर पर छत बनाने की उम्मीद लगाए बैठा हो।
न्याय की आस में काशी कुमार जब थाने पहुंचे और लिखित शिकायत देकर एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की, तो उन्हें वहां से न्याय मिलने के बजाय अपमान झेलना पड़ा। पीड़ितों का आरोप है कि पुलिस ने उनकी बात सुनने के बजाय उन्हें ही डांट-फटकार कर भगा दिया और कोई कार्रवाई नहीं की गई।
पीड़ित परिवार का कहना है कि वे गरीब और असहाय हैं। विकलांग होने के कारण काशी कुमार पहले ही जीवन की कई चुनौतियों से जूझ रहे हैं और अब पड़ोसी के कब्जे और प्रशासनिक अनदेखी ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। दंपती ने प्रशासन से मांग की है कि जमीन की निष्पक्ष पैमाइश कराई जाए, अवैध दीवार हटाई जाए और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि उन्हें अपने ही घर में सम्मान और सुरक्षा के साथ रहने का अधिकार मिल सके।


