आगरा | बाह (विशेष संवाददाता)
तहसील बाह के सामरमऊ गांव के ग्रामीण पिछले कई वर्षों से एक गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। गांव में बरसात का पानी भरने, टूटी सड़कों और नाली न होने के कारण लोगों का जीना दूभर हो गया है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को आने-जाने में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव की गलियों में हर समय पानी भरा रहता है, जिससे गंदगी, मच्छरों और बीमारियों का खतरा लगातार बना रहता है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार इस संबंध में तहसील प्रशासन और पंचायत अधिकारियों को शिकायत पत्र दिए जा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
ग्रामीणों ने 21 सितंबर 2024 को तहसील दिवस पर दिया ज्ञापन
ग्रामवासियों — छत्रपाल, परमाल सिंह, उमेश, पियारेलाल और अन्य ग्रामीणों ने सम्पूर्ण समाधान दिवस अधिकारी, तहसील बाह, जिला आगरा को एक लिखित प्रार्थना पत्र सौंपते हुए गांव में जल्द से जल्द नाली और पक्के रास्ते बनवाने की मांग की।
प्रार्थना पत्र में लिखा गया है कि “गांव में हर समय पानी भराव की समस्या रहती है जिससे छोटे-छोटे बच्चे स्कूल नहीं जा पाते और लोग गिरकर घायल हो जाते हैं। कई बार आवेदन देने के बावजूद कोई काम नहीं हुआ है। हरिजन बस्ती में तो आज तक किसी ने सुनवाई तक नहीं की।”
गांव में न नाली बनी, न खरंजा — हर बार मिलता है सिर्फ आश्वासन
गांव के लोगों ने बताया कि सालों से अधिकारी सिर्फ आश्वासन देकर चले जाते हैं। बरसात के मौसम में हालात इतने बिगड़ जाते हैं कि गांव के भीतर से निकलना तक मुश्किल हो जाता है। गंदे पानी के कारण डेंगू, मलेरिया और त्वचा रोग जैसी बीमारियां तेजी से फैल रही हैं।
अब तो बच्चे भी कहने लगे हैं – नाली नहीं तो स्कूल नहीं!”
गांव के कुछ अभिभावकों ने बताया कि बच्चे स्कूल जाने से कतराने लगे हैं क्योंकि रास्तों में गंदा पानी और कीचड़ भरा रहता है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही समाधान नहीं हुआ तो वे सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
प्रशासन से ग्रामीणों की मांग — जल्द बने नाली और पक्का रास्ता
ग्रामीणों ने शासन और प्रशासन से अपील की है कि सामरमऊ गांव में नाली और पक्का खरंजा बनवाकर पानी निकासी की उचित व्यवस्था की जाए, ताकि लोगों को जलभराव और बीमारियों से राहत मिल सके।
ग्राम सामरमऊ, ब्लॉक जैतपुर कला, तहसील बाह, जिला आगरा
“हमने तहसील दिवस में आवेदन दिया, लेकिन अब तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं आया। अगर जल्द सुनवाई नहीं हुई तो हम जिला मुख्यालय तक जाएंगे।” — छत्रपाल, ग्रामवासी सामरमऊ


