गुड़गांव/मानेसर, 16 सितंबर 2025: ग्राम कांकरोला थाना खेड़की दौला के किराना व्यवसायी राजू कुमार (निवासी — गुलाब सिंह ग्राम खोह, मानेसर) ने आरोप लगाया है कि 15 सितंबर 2025 की शाम 5:40 पर उनके साथ गाँव के कुछ युवकों ने मिलकर मारपीट, धमकाया और रंगदारी व लूट का प्रयास किया। पीड़ित ने घटना का मेडिकल रिकॉर्ड (MLR क्रमांक: NA/143/2025/GM) थाने में दर्ज कराया है और मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
क्या हुआ — पीड़ित का विवरण
राजू कुमार के अनुसार, 15.09.2025 को शाम लगभग 5:40 बजे ग्राम काकरौला के कुछ युवक — जिनमें काका उर्फ प्रेम, पन्ना उर्फ प्रविन और कुछ पहचान न होने वाले अन्य लोग — एक सफ़ेद रंग की वैन/स्विफ्ट -गाड़ी में आकर उनकी दुकान के बाहर आए। आरोप है कि उन्होंने राजू के साथ हाथापाई की, उनके कपड़े फाड़ दिए और जेब से लगभग ₹3,000 छीन लिए। इसके अलावा दुकान के भीतर जाकर दुकानदार के समान को तोड़-फोड़ किया गया।
राजू का कहना है कि आरोपियों ने ज़ोरदार धमकी देते हुए कहा कि “यदि इस गाँव में दुकान चलानी है तो इन्हें माह में ₹5,000 देना होगा”, और कहा कि यदि पैसे नहीं दिए गए तो जान से मार दिया जाएगा। घटना के दौरान राजू को गंभीर डर हुआ और वे बच्चों व परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
CCTV और मेडिकल प्रमाण
पीड़ित ने बताया कि उनके दुकान पर लगे CCTV कैमरे ने घटना रिकॉर्ड कर ली है। घायल होने पर वे सरकारी अस्पताल गये और वहां से M.L.R. (मेडिकल लेजिस्लेटिव रिपोर्ट) कटवाकर आवश्यक चिकित्सीय प्रमाण जुटा लिए। MLR नंबर राजू ने रिपोर्ट में भी दिया है।
पिछला इतिहास — जबरन सामान ले जाने का आरोप
राजू का कहना है कि यह पहला मौका नहीं है — आरोप हैं कि आरोपित पहले भी उनकी दुकान से जबरन समान ले गये हैं और पैसे नहीं चुकाते। इसलिए वे पूर्व से इन लोगों की वर्दी (रेपर्टरी) से परेशान थे। गाँव के लोग भी इस मामले को लेकर भयग्रस्त हैं और खुले में प्रतिरोध करने से कतराते हैं।
पीड़ित की चिंता और सुरक्षा की अपील
राजू ने लिखित शिकायत में बताया कि वे अब घर से निकलते समय भी भयभीत रहते हैं और थाने पहुंचने में भी डरते हैं कि रास्ते में आरोपित उन्हें पकड़कर नुकसान पहुंचा सकते हैं। उन्होंने थाने से सुरक्षा, आरोपियों की गिरफ्तारी और भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम की मांग की है।
थाने की स्थिति और अपेक्षित कार्रवाई
(रिपोर्टिंग के समय) खेदकी धौला थाने या स्थानीय पुलिस अधिकारियों की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया उपलब्ध नहीं कराई गई है। हालांकि ऐसे मामलों में सैद्धांतिक रूप से पुलिस से अपेक्षित है कि वे सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल, मुक़दमे की पंजीकरण/प्राथमिकी (FIR) और आरोपियों की पहचान तथा गिरफ्तारी के लिए त्वरित कार्रवाई करें; साथ ही पीड़ित को आवश्यक सुरक्षा उपलब्ध कराएँ।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
गांव के कुछ निवासियों ने कहा कि आरोपितों की दबंगई से अन्य लोग भी सहमे हुए हैं और यही वजह है कि अब तक कोई मुखर विरोध नहीं हुआ। प्रभावित परिवारों ने पुलिस और प्रशासन से शिकायत करके न्याय तथा सुरक्षा की गुहार लगाई है।
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