भोपाल के थानों में बनेंगी साइबर हेल्प डेस्क:पांच लाख रुपए की तक की शिकायत थानों में ही दर्ज करा सकेंगे लोग भोपाल पुलिस सभी थानों में एक दिसंबर से साइबर हेल्प डेस्क की शुरुआत करने जा रही है। जिससे साइबर ठगी के शिकार लोगों को अब भटकने की जरूरत नहीं होगी। पांच लाख रुपए तक के फ्रॉड की शिकायत थानों में ही दर्ज की जाएगी।
यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि इस साल जनवरी से अब तक 250 करोड़ रुपये की साइबर ठगी हो चुकी है। अभी तक सिर्फ भोपाल में ही एक साइबर थाना था, बाकी जिलों में साइबर क्राइम के मामले क्राइम ब्रांच में दर्ज होते थे।
एक साल पहले आ गया था प्रपोजल
साइबर हेल्प डेस्क बनाने का प्रस्ताव तो एक साल पहले ही आ गया था, लेकिन बजट नहीं होने की वजह से इस पर काम नहीं हो पाया था। अब राज्य साइबर मुख्यालय ने इसके लिए शासन से बजट की मांग की है और उम्मीद है कि जल्द ही यह सुविधा सभी जिलों में शुरू हो जाएगी।
पुलिसकर्मियों को मिलेगी ट्रेनिंग
पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि साइबर हेल्प डेस्क में एक पुलिसकर्मी को साइबर क्राइम की जांच के लिए ट्रेनिंग देकर तैनात किया जाएगा। यह पुलिसकर्मी लोगों की शिकायतें सुनेगा और जरूरत पड़ने पर उन्हें साइबर थाने भेजेगा।
इस साल में 250 करोड़ की ठगी
साइबर क्राइम के मामलों में पिछले कुछ सालों में काफी तेजी आई है। पिछले पांच सालों में साइबर क्राइम की शिकायतें पांच हजार से बढ़कर तीन लाख से ज़्यादा हो गई हैं। साइबर पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के मुताबिक, इस साल जनवरी से अब तक 250 करोड़ रुपये की साइबर ठगी हो चुकी है।
दूसरे देशों से ठगी कर लेते हैं लोग
साइबर पुलिस के मुताबिक, दूसरे देशों में बैठे लोग भी इस तरह के अपराध में शामिल हैं। साइबर थाने बनने से साइबर कानून के जानकार पुलिसकर्मी तैनात किए जा सकेंगे। इससे अपराध की घटनाओं पर कार्यवाई में तेजी आएगी। जांच से लेकर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल करने तक का काम समय पर और अच्छी तरह से हो सकेगा।
मध्य प्रदेश में बढ़े हैं ऐसे मामले
मध्य प्रदेश में साइबर अपराध के मामलों में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है, इसलिए हर जिले में एक अलग साइबर थाने की सख्त ज़रूरत है। उम्मीद है कि इससे साइबर अपराध पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी और लोग साइबर ठगी से बच सकेंगे।