Friday, November 22, 2024
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
HomeNationalमणिपुर में नहीं हुआ बम ड्रोन का इस्तेमाल, न ही आए हथियारबंद...

मणिपुर में नहीं हुआ बम ड्रोन का इस्तेमाल, न ही आए हथियारबंद घुसपैठी… आर्मी चीफ ने दिया बड़ा अपडेट

नई दिल्ली : मणिपुर की स्थिति को लेकर आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा वहां स्थिति स्टेबल है लेकिन तनावपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भरोसा फिर से कायम करने में वक्त लगेगा। आर्मी चीफ ने साफ किया कि मणिपुर में न तो बॉम ड्रोन का इस्तेमाल हुआ और न ही हथियारबंद घुसपैठी घुसे हैं। उन्होंने कहा कि वहां नेरेटिव की लड़ाई चल रही है और हम कोशिश कर रहे हैं कि गलत नेरेटिव ना बने।
मणिपुर में स्थिति स्टेबल लेकिन तनावपूर्ण
आर्मी चीफ ने कहा कि मणिपुर में जो पिछले साल शुरू हुआ वह एक अफवाह से शुरु हुआ था, जिससे हिंसा फैली। यह नेरेटिव की लड़ाई हो गई और कम्युनिटी के बीच पोलराइजेशन हुआ। उन्होंने कहा कि वहां स्थिति स्टेबल है लेकिन तनावपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आतंरिक तौर पर भी 60 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हुए, वह संख्या अब 40 हजार से कम आ गई है। हथियार लूटे गए, महिलाओं की अगुवाई में संगठन, अंडग्राउंड संगठन सामने आए जिससे लड़ाई मुश्किल हुई।
जनरल द्विवेदी ने कहा कि हमने वहां आर्मी और असम राइफल्स के करीब 126 कॉलम तैनात किए है। हम भरोसा फिर से पैदा करने की कोशिश कर रहे है, इसमें वक्त लगेगा। उन्होंने कहा कि जो हथियार लूटे गए थे उससे हमने 25 पर्सेंट हथियार रिकवर किए हैँ। इससे ज्यादा लोकल टाइप वेपन रिकवर किए हैं। हम वहां पूर्व सैनिकों की सलाह भी ले रहे हैं।
न बम ड्रोन न घुसपैठी
आर्मी चीफ ने कहाकि हमें गलत नेरेटिव नहीं बनने देना है, जिसकी हम कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बॉम ड्रोन की बात आई लेकिन ग्राउंड पर हमने देखा ऐसा कुछ नहीं था। यह नेरेटिव बना कि 900 एंटीनैशनल एल्टीमेंट घुस आए हैं लेकिन ऐसा कुछ नहीं था। अगर हम यह कंट्रोल करें तो चीजें ठीक हो जाएंगी। म्यामांर से आ रहे घुसपैठियों की चर्चाओं के बीच आर्मी चीफ ने साफ किया कि म्यांमार में भी दिक्कत चल रही हैं और वहां से भी लोग ऐसी जगह जा रहे हैं जहां शांति हो और लोग उन्हें स्वीकार कर लें। तो वे मिजोरम और मणिपुर में आ रहे हैं। जो आ रहे हैं वह अनआर्म्ड आ रहे हैं और शेल्टर के लिए आ रहे हैं।
थिएटराइजेशन को लेकर सब एकमत
आर्मी, नेवी और एयरफोर्स को मिलाकर थिएटर कमांड बनाने की थिएटराइजेशन की प्रक्रिया पर आर्मी चीफ ने कहा कि इसे लेकर तीनों चीफ एकमत हैं और सीडीएस इसे लीडरशिप को प्रजेंट करने को तैयार हैं कि हम सब कैसा स्ट्रक्चर चाहते हैं। किस थिएटर कमांड को कौन हेड करेगा, इस पर आर्मी चीफ ने कहा कि एयरफोर्स की यूएसपी टेक्नॉलजी है, आर्मी की ह्यूमन रिसोर्स। एयरफोर्स की ताकत सेंट्रलाइजेश है और हमारी डी सेंट्रलाइजेशन। आर्मी लैंड फोर्स है और इससे बढ़ी है मल्टीडोमेन फोर्स। कोई एक आदमी कंट्रोल करेगा या ज्यादा लोग। ज्यादा हुए तो वक्त फैसला लेने में ही निकल जाएगा इसलिए एक आदमी चाहिए, चाहे वह किसी भी फोर्स का हो- आर्मी, नेवी या एयरफोर्स।
अग्निवीर में कोई कॉम्पिटिशन नहीं
अग्निपथ स्कीम और अग्निवीर को लेकर आर्मी चीफ ने कहा कि यह डर जताया जा रहा था कि अग्निवीर एक दूसरे से ही कंपीट करेंगे लेकिन ऐसा नहीं है। मैंने ग्राउंड पर देखा है, अग्निवीर खुश हैं और वे एक दूसरे से कंपीट नहीं कर रहे हैं बल्कि एक दूसरे को सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अग्निपथ स्कीम का मकसद सेना की यूथफुल प्रोफाइल थी और नॉर्दन फ्रंट पर रीबैलेंसिंग के लिए हम यूथ प्रोफाइल चाहिए था। उन्होंने कहा कि अग्निपथ स्कीम के तहत जिन युवाओं को चुन रहे हैं वे ज्यादा बेहतर है क्योंकि अब पहले लिखित परीक्षा ले रहे हैं फिर फिजिकल। मेंटल और फिजिकल सिनर्जी बेहतर है। उन्होंने कहा कि ये लगातार बढ़ने वाली प्रक्रिया है और इंटरनल स्कीम को लेकर कई डिस्कशन हो भी रहे हैं।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments