नाडियाड, गुजरात: मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर (एमएएचएसआर) परियोजना के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि में, 200 मीटर लंबे ‘मेक इन इंडिया’ स्टील ब्रिज का निर्माण पूरा हो गया है। यह पुल राष्ट्रीय राजमार्ग-48 (दिल्ली, मुंबई और चेन्नई को जोड़ने वाला) पर नाडियाड के पास लॉन्च किया जाएगा।
मुख्य विशेषताएं:
* लंबाई और स्पैन: पुल में 100-100 मीटर के दो स्पैन हैं।
* आयाम और वजन: 14.3 मीटर चौड़ा और 14.6 मीटर ऊंचा, यह स्टील ब्रिज लगभग 1500 मीट्रिक टन वजनी है।
* निर्माण स्थल: इसे उत्तर प्रदेश के हापुड़ के पास सालासर कार्यशाला में तैयार किया गया है।
* कनेक्शन: स्टील के हिस्सों को जोड़ने का काम टोर शियर टाइप हाई स्ट्रेंथ बोल्ट (TTHSB) का इस्तेमाल करके किया जाता है, जिसे 100 साल के जीवनकाल के लिए डिज़ाइन किया गया है।
* पेंटिंग: ब्रिज के हिस्सों को C-5 सिस्टम पेंटिंग से पेंट किया गया है, जो भारत में अपनी तरह का पहला है।
* उपयोगिता: स्टील ब्रिज राजमार्गों, एक्सप्रेसवे और रेलवे लाइनों को पार करने के लिए सबसे उपयुक्त हैं।
* तकनीकी विशेषज्ञता: भारत के पास भारी मालवाहक और अर्ध-उच्च गति वाली रेलगाड़ियों के लिए स्टील पुल बनाने की विशेषज्ञता है, जिसे अब एमएएचएसआर कॉरिडोर पर भी लागू किया जाएगा।
* परियोजना में स्टील ब्रिज: एमएएचएसआर परियोजना में कुल 28 स्टील ब्रिज की योजना बनाई गई है। इनमें से 11 महाराष्ट्र में और 17 गुजरात में हैं।
* निर्माण प्रगति: गुजरात में रेलवे/डीएफसीसी पटरियों, राजमार्गों और भिलोसा उद्योग सहित छह स्टील ब्रिज का सफलतापूर्वक निर्माण किया जा चुका हैं। इस स्टील ब्रिज का पहला स्पैन मार्च 2025 में लॉन्च करने और अगस्त 2025 तक पूरा करने की योजना है।
यह स्टील ब्रिज ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और भारत की तकनीकी क्षमता को दर्शाता है। यह मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो देश में हाई-स्पीड रेल परिवहन के भविष्य को आकार देगा।