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मानसिक रूप से अस्वस्थ किशोर ट्रेन से लापता: कुटनी रेलवे स्टेशन के पास आखिरी बार देखा गया, परिजन बेहाल

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परसा/बीरगंज | विशेष रिपोर्ट

नेपाल के परसा जिला, बीरगंज से एक सनसनीखेज और चिंताजनक मामला सामने आया है, जहां मानसिक रूप से अस्वस्थ 17 वर्षीय किशोर संदेश कुमार ट्रेन यात्रा के दौरान लापता हो गया। बीते तीन दिनों से उसका कोई सुराग नहीं लग पाया है, जिससे परिवार और रिश्तेदार गहरे सदमे में हैं।
लापता किशोर संदेश कुमार, पिता हरिंदर साहनी उर्फ भोला साहनी, निवासी पालिका मोहनपुर गांव पोखरिया थाना, परसा जिला, बीरगंज (नेपाल) का रहने वाला है। हरिंदर साहनी ने मीडिया को बताया कि उनका बेटा अपने जीजा अरविंद के यहां काम के सिलसिले में गया था, जो थाना आदापुर, कोलवारी गांव, मोतिहारी (बिहार) के निवासी हैं।

परिजनों के अनुसार, कुछ दिन पहले संदेश कुमार की मानसिक स्थिति अचानक बिगड़ गई थी। इसी कारण उसे वापस नेपाल भेजने का निर्णय लिया गया। जान-पहचान के युवक नीतीश कुमार के साथ उसे दानापुर रूट की ट्रेन में बैठाया गया। यात्रा के दौरान संदेश ने नीतीश से कहा कि वह बाथरूम जा रहा है, लेकिन उसके बाद वह ट्रेन से लापता हो गया।

परिवार का कहना है कि कुटनी रेलवे स्टेशन के आसपास संदेश कुमार को आखिरी बार देखा गया था। इसके बाद से न तो वह अपने साथी से संपर्क में आया और न ही किसी स्टेशन या आसपास के क्षेत्र से कोई सूचना मिली। संदेश के पास कोई मोबाइल फोन या संपर्क नंबर भी नहीं था, जिससे खोजबीन और मुश्किल हो गई है।

हरिंदर साहनी ने बताया कि उनके दो बेटे और एक बेटी हैं, जिनमें संदेश कुमार सबसे छोटा है। वह थोड़ा पढ़ा-लिखा जरूर है, लेकिन मानसिक स्थिति ठीक न होने के कारण परिवार पहले से ही परेशान था। अब बेटे के अचानक लापता होने से पूरे परिवार की हालत बदतर हो गई है।

परिजनों ने आम जनता और प्रशासन से मदद की अपील की है। पिता हरिंदर साहनी और जीजा अरविंद का कहना है कि जिस किसी को संदेश कुमार के बारे में कोई भी जानकारी मिले, वह तुरंत इन नंबरों पर संपर्क करे—
91489555053 या 9631132346

या फिर नजदीकी थाने अथवा रेलवे पुलिस को सूचना दें।
यह मामला न सिर्फ एक परिवार की पीड़ा है, बल्कि उन मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े करता है, जो यात्रा के दौरान सबसे ज्यादा असुरक्षित होते हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन और रेलवे पुलिस कितनी तत्परता से कार्रवाई कर इस किशोर को सुरक्षित उसके परिवार तक पहुंचा पाती है।

 

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