Tuesday, January 14, 2025
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भोपाल में वैज्ञानिकों का जमावड़ा आज से, 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का शुभारंभ करेंगे CM मोहन

मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, भोपाल व राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद्, भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से स्कूली छात्रों हेतु 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का आयोजन दिनांक 03 से 06 जनवरी, 2025 को रविन्द्र भवन, भोपाल में किया जा रहा है.
मध्य प्रदेश के मुखिया डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) भोपाल में 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस (31st National Children’s Science Congress 2025) का शुभारंभ करेंगे. 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का 4 दिवसीय आयोजन 3 से 6 जनवरी तक होगा. भारत के विभिन्न राज्यों के 700 से अधिक बाल वैज्ञानिक, शिक्षक और मेंटर्स इस आयोजन में भाग लेंगे. साथ ही बहरीन, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), कुवैत, ओमान और सऊदी अरब जैसे ग़ल्फ़ देशों के बाल वैज्ञानिक भी अपनी प्रस्तुतियों के साथ शामिल होंगे. इसके साथ ही देश के प्रमुख वैज्ञानिक जैसे डॉ. चेतन सोलंकी (IIT मुंबई), डॉ. नंद कुमार (AIIMS दिल्ली), और डॉ. चैतन्य पूरी (IISER पुणे) छात्रों के साथ संवाद करेंगे. उद्घाटन कार्यक्रम में भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो. अभय कारंदिकर, मध्य प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव अनुराग जैन, आईआईटी इंदौर के निदेशक डॉ सुहास जोशी सम्मिलित होंगे.
राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस क्या है?
राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस (NCSC) एक राष्ट्रीय विज्ञान संचार कार्यक्रम है जिसकी शुरुआत 1993 में हुई थी. यह भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत संचालित एक मंच है, जो 10-17 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने, रचनात्मकता और नवाचार प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है.
इस बार की थीम ये है…
इस वर्ष राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का मुख्य विषय “स्वास्थ्य और कल्याण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को समझना” है. यह कार्यक्रम बच्चों में वैज्ञानिक सोच को विकसित करने और उन्हें समाज की समस्याओं के समाधान में नवाचार का उपयोग करने के लिए प्रेरित करेगा.
वराह मिहिर खगोलीय वेधशाला के ऑटोमेशन का शुभारंभ भी होगा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव वराह मिहिर खगोलीय वेधशाला के ऑटोमेशन का उद्घाटन भी करेंगे. इस पहल से आम नागरिक घर बैठे खगोलीय अध्ययन कर सकेंगे, जो मध्यप्रदेश को खगोल विज्ञान के क्षेत्र में नई पहचान दिलाएगा. इसमें दो बच्चों का एक समूह मार्गदर्शक शिक्षक के साथ किसी स्थानीय समस्या का चयन करता है और वैज्ञानिक प्रक्रिया के माध्यम से उसका समाधान प्रस्तुत करता है. यह प्रक्रिया गहन अवलोकन, प्रश्न उठाने, मॉडल बनाने और प्रयोग के माध्यम से समाधान खोजने पर आधारित होती है. बाल विज्ञान कांग्रेस बच्चों में जिज्ञासा और खोज की भावना को प्रोत्साहित करती है, साथ ही उन्हें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सोचने और समाज के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित करती है.

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